आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में हिंदी की भूमिका निबन्ध
"आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में हिंदी की भूमिका"
"मध्यप्रदेश बनेगा आत्मनिर्भर और खुशहाल, जब हिंदी भाषा का प्रयोग होगा विस्तृत और विशाल।"
प्रस्तावना-
सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के सपने को साकार करने हेतु सभी नागरिकों का प्रदेश के नीति-निर्माण में सहभागी होना आवश्यक है। प्रदेश में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की | दिशा में जनभागीदारी का कदम मील का पत्थर सिद्ध होगा। जनभागीदारी हेतु आवश्यक है कि प्रदेश के नागरिक आपस | में जुड़ाव महसूस करें और इस जुड़ाव का आधार हमारी मातृभाषा हिंदी के अलावा कुछ और हो ही नहीं सकता।
मध्यप्रदेश में हिंदी-
हिंदी, मध्यप्रदेश की आधिकारिक भाषा और सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। यह आधिकारिक काम की प्रमुख भाषा है दूरस्थ कोनों में भी स्थानीय लोगों को हिंदी समझने में कोई मुश्किल नहीं है। मध्यप्रदेश में हिंदी व्यापक रूप से आतिथ्य एवं सेवा | उद्योगों द्वारा बोली जाती है। मध्य प्रदेश राज्य में हिन्दी- पूर्वी हिन्दी, अवधी व बघेली बोलियों का प्रतिनिधित्व करती है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में हिंदी की भूमिका-
आत्मनिर्भर भारत के बाद मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने हेतु पिछले कुछ वर्षों से निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। "मध्यप्रदेश को बेहतर की ओर बढ़ाना है" सरकार द्वारा यह मिशन तय किया गया है। शिक्षा, रोजगार,स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में सुधार लाना है। उद्योग धंधों को और अधिक विकसित करना है।
इन सब उद्देश्यों की पूर्ति तभी सम्भव है, जब मध्यप्रदेश मातृभाषा व जन-जन की भाषा हिंदी को साथ लेकर चलेगा। बिना हिंदी के विकास के मध्यप्रदेश का विकास होना असम्भव सा है और बिना विकास किये कोई भी प्रदेश या देश भला आत्मनिर्भर कैसे बन सकता है? अतः मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में हिंदी की अहम भूमिका है।
मध्यप्रदेश द्वारा हिंदी को बढ़ावा देने हेतु प्रयास-
मध्यप्रदेश सरकार यह अच्छे से जानती है कि बिना माँ बोली हिंदी को मान-सम्मान दिए मध्यप्रदेश के विकास और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का ढांचा खड़ा करना नामुमकिन है। मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा हिंदी को प्रदेश में उच्च स्थान दिलाने हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे है।
सरकार द्वारा प्रदेश में सभी दुकानों या उद्यमों आदि के बोर्ड पर |अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी लिखना अनिवार्य किया गया है। जिसे कुछ समय बाद सख्ताई के साथ लागू किया जाएगा। मध्यप्रदेश संसाधनों से भरपूर राज्य है। अपने संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और निवेशकों के लिए एक सुविधाजनक वातावरण बनाने पर ध्यान देते हुए, |
मध्यप्रदेश बहुत जल्द ही औद्योगिक समुदाय के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बनने की उम्मीद रखता है। निवेश को प्रोत्साहित करने की रणनीति के साथ आर्थिक विकास के उच्च स्तर को प्राप्त करने के लिए राज्य में तेजी से आर्थिक विकास की जरूरत को मध्यप्रदेश सरकार पहचानती है। इसीलिए प्रदेश सरकार हिंदी को इतना जरूरी मानती है।
निष्कर्ष-
हमारी हिंदी एक समृद्ध भाषा है लेकिन हम ही इतने संकीर्ण हो गए हैं कि अंग्रेजी को बोलना सम्मान की बात समझने लगे हैं। आज हम भारतवासियों को हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? भारत एक हिंदीभाषी देश, जिसकी मातृभाषा हिंदी है, ऐसे देश में हर दिन हिंदी दिवस होना चाहिए। जिस प्रकार मध्यप्रदेश द्वारा हिंदी के विकास पर बल दिया जा रहा है। उसी प्रकार देश के हर राज्य को हिंदी को वह मान सम्मान अवश्य देना चाहिए जिसकी वो अधिकारी है।
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