प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान
"जन-जन को जागृत कर प्लास्टिक दूर भगाएं, आओ मिलकर प्लास्टिक मुक्त भारत बनाएं।"
प्रस्तावना-
वैश्विक स्तर पर आज हमारी धरती पर कई ऐसे पदार्थों की मौजूदगी हो गई है, जिससे प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे ही पदार्थों में से एक है प्लास्टिका यह एक ऐसा पदार्थ है, जो उपयोग करने में बहुत ही आसान है। एक बार उपयोग में लाने के बाद इसे फेंक दिया जाता है
इसीलिए ये बहुत ही सस्ते भी होते हैं। लेकिन आपको बता दें कि प्लास्टिक उपयोग में जितना आसान एवं सस्ता होता है, उससे ज्यादा यह हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। इसीलिए विश्व के बहुत से देशों की भांति हमारे देश में भी प्लास्टिक मुक्ति हेतु अभियान चलाया जा रहा है।
प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान की शुरूआत-
प्लास्टिक मुक्त भारत की शुरुआत गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2019 में हुई थी, जिसकी घोषणा हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस अवसर पर उन्होंने जनता को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से अवगत कराया। उन्होंने प्लास्टिक के प्रयोग को न करके प्लास्टिक मुक्त भारत के निर्माण हेतु आग्रह किया है।
अभियान का लक्ष्य-
इस अभियान का लक्ष्य सन 2022 तक प्लास्टिक मुक्त भारत का निर्माण रखा गया है।इसका उद्देश्य भारत मे एकल प्रयोग प्लास्टिक के निर्माण और प्रयोग को पूर्णतः खत्म करना है। महाराष्ट्र, तमिलनाडू, ओडिशा मध्यप्रदेश जैसे भारत के कुल 18 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने प्लास्टिक के बैग की मैन्युफैक्चरिंग पर रोक लगा दी है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरे भारत में लागू हो जाएगी।
प्लास्टिक प्रदूषण एक गम्भीर समस्या-
आज वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक एक बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। यह आज के लिए ही नहीं बल्कि आने वाले भविष्य के लिए भी यह भयंकर खतरा बन सकता है। यह सालों साल जमीन या पानी मे गलता नहीं है और प्रदूषण का कारक और सभी जीव जंतुओं के लिए खतरा बन जाता है। इसके अलावा प्लास्टिक का उपयोग हो जाने पर यदि उसे जलाया जाए तो वह जहरीली गैसें छोड़ता है,जो हमारे श्वसन अंगों को प्रभावित करता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि प्लास्टिक मुक्त भारत का निर्माण किया जाए जिसमें प्लास्टिक के निशान को खत्म कर दिया जाए और भारत को प्रदूषण रहित बनाया जाए।
अभियान की सफलता हेतु उठाए जाने वाले कदम-
- प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए यह आवश्यक है कि कई महत्वपूर्ण एवं कठोर कदम उठाए जाएं, जिससे पर्यावरण एवं जीव जंतुओं के अस्तित्व की रक्षा हो सके।
- खरीददारी करते समय प्लास्टिक के कैरी बैग के स्थान पर हम कपड़े के थैलों का प्रयोग करें।
- आजकल शादी विवाह, समारोहों आदि में प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है। अतः यह आवश्यक है कि इसका कोई विकल्प ढूंढकर उसका प्रयोग किया जाए।
- जरूरत होने पर हमें प्लास्टिक के कुछ ऐसे प्रकारों का प्रयोग करना होगा, जो आसानी से रिसाइकल हो जाते हैं।
- प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए हमें अपने आसपास के लोगों को भी इस बात के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है कि प्लास्टिक का कम से कम अथवा न के बराबर प्रयोग करें।
- सरकार द्वारा प्लास्टिक उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया जाए जो प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को बढ़ाने में कार्यरत हैं।
- हम सभी के एकजुट होकर इस विषय पर ध्यान देने के बाद ही हमारा देश प्लास्टिक मुक्त भारत बन सकता है।
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